फाइज़र कम्पनी की कोरोना वैक्सीन लगाने के बाद इजरायल में 12 हजार से अधिक लोगों को कोरोना संक्रमण हो गया. इस घटना से कोरोना वैक्सीन के प्रभावी होने पर सवाल उठने लगे हैं. मिली जानकारी के अनुसार, इन लोगोंमें से 69 लोग ऐसे हैं कि, जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी खुराक भी ली थी. समाचार एजेंसियों द्वारा उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, फाइज़र की कोविड वैक्सीन लगवाने वाले लगभग 189,000 लोगों का वहां के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 टेस्ट कराया गया. जिनमें से 12,500 लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया.
कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद भी 12 हजार लोगों को हुआ संक्रमण
यह आंकडा लगभग 6.6 फीसदी है. कोविड-19 का टीका लगाए जाने के बाद पॉजिटिव पाए गए लोगों के विषय पर राष्ट्रीय स्तर पर महामारी से जुड़े प्रबंधन कार्य देख रहे नेशनल कॉर्डिनेटर नचमन ऐश ने बयान दिया कि, फाइज़र की कोविड-19 वैक्सीन हमारी उम्मीद से कम कारगर निकली. बता दें कि, इजरायल ने 19 दिसंबर 2020 से इजरायल में टीकाकरण का कार्यक्रम आरंभ हुआ था, जिसके तहत सर्वप्रथम बुजुर्गों को वैक्सीन दी गयी. इजरायल के स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार कहना है कि कुल लोगों में से 25 फीसदी से अधिक लोगों को फाइजर इंक की कोविड-19 वैक्सीन लगायी गयी है. इनमें से लगभग एक चौथाई नागरिकों ने वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाया और 3.5 फीसदी लोगों को दूसरी खुराक दी गयी है.
वहीं, इजरायल के स्वास्थ्य मंत्री यूली एडेलस्टीन ने कहा कि महीनेभर पहले वैक्सीनेशन के रोलआउट के बाद से लगभग 90 लाख में से लगभग 25 लाख लोगों को वैक्सीन लगायी गयी. बता दें कि अभी इजरायल कोरोना संक्रमण से सबसे प्रभावित तीसरा देश है. इजरायल में अब तक कोरोना संक्रमण से 5 लाख 50 से अधिक केसेस सामने आ चुके हैं. वहीं, 4 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु कोविड-19 से हो गयी है. इतनी बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित के पीछे लापरवाही को वजह माना जा रहा है. स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, देश में संक्रमण में बढ़ोतरी की वजह यह लापरवाही ही है. क्योंकि, लोग लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसी नियमों के पालन में कोताही बरतते हैं.
वहीं, वैक्सीनेशन के बाद संक्रमण के मामले सामने आने के बाद इजरायल में फाइजर-बायोएनटेक समेत अन्य वैक्सीन निर्माताओं के साथ डेटा का आदान-प्रदान किया है.