विटामिन बी समूह या काम्पलेक्स शरीर को जीवन शक्ति देने के लिए अति आवश्यक होता है। इस विटामिन की कमी से शरीर अनेक रोगो का गढ़ बन जता है। विटामिन बी के कई विभागो की खोज की जा चुकी है। ये सभी विभाग मिलकर ही विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स कहलाते है। हालांकि सभी विभाग एक दुसरे के अभिन्न अंग है, लेकिन फिर भी सभी आपस मे भिन्नता रखते है। विटामिन ‘बी’ काम्पलेक्स 120 सेंटीग्रेड तक की गर्मी सहन करने की क्षमता रखता है। उससे अधिक ताप यह सहन नही कर पाता और नष्ट हो जाता है। यह विटामिन पानी मे घुलनशील है। इसका प्रमुख कार्य स्नायु को स्वस्थ रखना तथा भोजन के पाचन मे सक्रिय योगदान देना होता है। भूख को बढ़ाकर यह शरीर को जीवन शक्ति देता है। खाया-पिया अंग लगाने मे सहायता प्रदान करता है। क्षार पदार्थो के संयोग से यह बिना किसी ताप के नष्ट हो जाता है, पर अम्ल के साथ उबाले जाने पर भी नष्ट नही होता।
विटामिन बी कॉम्पलेक्स 8 टाइप्स के होते है
यहां हम आपको बताने जा रहे है विटामिन बी के टाइप्स -
1) विटामिन बी1 – इस विटामिन को थायमीन भी कहते है। इसका स्वाद नमकीन होता है। यह रंघिन होता है। इस विटामिन की कमी से कब्ज की शिकायत,चक्कर आना,आंखो मे अंधेरा छा जाना,चिड़चिड़ा हो जाना,एकाग्रता का न होना व झगड़ालू हो जाना जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसकी कमी से बेरी बेरी नाम की बीमारी हो जाती है।
स्रोत - यह विटामिन गेहूँ,मूँगफली,हरे मटर,संतरे,खमीर,अंडे,हरी सब्जियाँ,चावल और अंकुर वाले बीजों मे पाया जाता है।
2) विटामिन बी2 – इस विटामिन को राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है। यह विटामिन पीले रंग का होता है। यह विटामिन सूरज की रोशनी और खाने को अधिक पकाने से समाप्त हो जाता है। शरीर मे इस विटामिन की कमी से मुँह और होठ फटने लगते है। यह विटामिन आंखो,नाक और जीभ को स्वस्थ रखने के लिया अति आवश्यक है।
स्रोत - यह विटामिन अंडे की ज़र्दी, मछ्ली,दालों,मास,मटर,चावल व खमीर मे पाया जाता है।
3) विटामिन बी3 – इस विटामिन को पेंतोठेनिक भी कहा कहा जाता है। यह विटामिन शरीर की वृद्धि मे सहायक होता है। यह विटामिन लोगो के सलेटी रंग के बाल होने से बचाता है।
स्रोत - यह विटामिन दूध मे सबसे ज्यादा पाया जाता है। इसका अलावा यह अंडे की ज़र्दी,मेवा व अखरोट मे भी पाया जाता है।
4) विटामिन बी5 – इस विटामिन को निकोतिनामिड भी कहा जाता है। इस विटामिन की कमी से पैलेग्रा रोग हो सकता है। यह विटामिन हमारे वेट को कंट्रोल करने मे मदद करता है।
स्रोत - यह विटामिन खमीर,दूध,मक्खन,पिस्ता और दाल मे पाया जाता है।
5) विटामिन बी6 – यह विटामिन हीमोग्लोबिन के निर्माण मे मदद करता है। यह विटामिन त्वचा को भी स्वस्थ रखता है।
स्रोत - यह विटामिन मांस,मछ्ली,खमीर,अंडे की ज़र्दी,चावल,गेहूँ व मटर मे पाया जाता है।
6) विटामिन बी7 – इसका रसायनिक नाम बायोटिन है। इसकी कमी से डिप्रेशन, हो सकता है।
स्रोत - बाजरा, ज्वार, मैदा, चावल, सोयाबीन, गेहूं,
7) विटामिन बी9 – यह विटामिन पीले रंग का स्वादहीन और रंगहीन होता है। भोजन को पकाते वक्त इस विटामिन की ज़्यादातर मात्रा समाप्त हो जाती है। यह विटामिन खून के निर्माण मे मदद करता है।
स्रोत - अंकुरित अनाज, दलिया, मटर और मूंगफली
8) विटामिन बी12 – यह विटामिन लाल रंग का होता है। खाने को ज्यादा पकाते वक्त यह विटामिन नष्ट हो जाता है। इस विटामिन की कमी से अनीमिया रोग हो सकता है। साथ ही इस विटामिन की कमी से नसों मे ब्लॉकेज, बहुत ज्यादा थकान और सर्दी,डिप्रेशन, तनाव और मेमोरी भी कमजोर हो सकती है।
स्रोत - मांस, मछ्ली और अंडो मे यह विटामिन काफी मात्रा मे पाया जाता है।
यदि आपके शरीर में इन विटामिन्स की कमी है तो फिर यह कमी आपकी हेल्थ लिए खतरनाक हो सकती है। इसलिए अपनी डाइट मे विटामिन बी कॉम्पलेक्स के स्रोत प्रचुर मात्रा मे लें।