उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार कोरोना के नियंत्रण के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है। अब राज्य सरकार ड्रोन से मास्क न पहनने वालों पर नज़र रखने जा रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया है कि सभी भीड़भाड़ वाली जगहों की 24 घंटे ड्रोन से निगरानी की जाए। कोर्ट ने कहा है कि ड्रोन की मदद से उन जगहों का और लोगों का पता लगाया जाएगा जहां लोग कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच न मास्क पहन रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि निगरानी की कार्रवाई लखनऊ, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, गौतमबुद्धनगर और प्रयागराज जिलों में की जाए।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजीत कुमार की बेंच ने क्वारंटाइन केंद्रों में अमानवीय स्थिति और कोरोना पॉजिटिव लोगों को बेहतर उपचार प्रदान करने के लिए एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए हैं। प्रयागराज पुलिस को निर्देश देते हुए, अदालत ने कहा कि हमारा विचार है कि मास्क पहनने की सतर्कता कम से कम 30 दिनों तक जारी रहनी चाहिए। अगली तारीख तय होने पर एडवोकेट जनरल ड्रोन द्वारा की जाने वाली निगरानी के बारे में भी सूचित कर सकते हैं। इस के तहत भीड़भाड़ वाले इलाकों में 24 घंटे ड्रोन के जरिए निगरानी की जाएगी।"
मास्क न पहनने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, उल्लंघन के लिए नवंबर के पहले 23 दिनों में केवल 487 व्यक्तियों का चालान किया जा सकता है। रिकॉर्ड से पता चलता है कि पुलिस ने अक्टूबर में 2,353 लोगों को, सितंबर में 5,779, अगस्त में 11,410 और जुलाई के महीने में उच्चतम, 20,936, जून में 17,917 और मई में 2,131 लोगों का चालान काटा था।
गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कलानिधि नैथानी ने कहा, “हम नियमित ड्राइव कर रहे हैं और गतिविधि को आगे बढ़ाएंगे। अदालत के निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। हमारे पास 2-3 ड्रोन हैं और निगरानी के लिए अधिक ड्रोन भी रखे जा सकते हैं।” 25 नवंबर को आए राज्य नियंत्रण कक्ष के रिकॉर्ड की मानें तो गाजियाबाद जिले में कुल 22,008 मामले थे, जबकि पड़ोस के गौतमबुद्धनगर जिले में मामलों की संख्या 21,801 थी, दोनों ही उत्तरप्रदेश में कोरोना केसों के मामले में तीसरे और चौथे स्थान पर थे।