कोरोना वायरस ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों को अकाल मृत्यु के मुंह में झोंक दिया. वहीं, अब भी लाखों लोग इस घातक वायरस से होने वाले संक्रमण से जूझ रहे हैं. कुछ दिनों पहले प्रकाशित एक स्टडी मे कहा गया था कि कोरोना वायरस लोगों के दिमाग पर बुरा प्रभाव डालता है. अब कोरोना वायरस से होने वाले इसी नुकसान की जांच लैब में की जाएगी. वैज्ञानिकों के अनुसार, कोविड-19 संक्रमित लोग, खासकर जो लोग कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज केलिए अस्पताल में भर्ती होते हैं उनमें विशेष लक्षण दिखायी दे रहे हैं. एक्सपर्ट्स के अनुसार ऐसे लोगों में ये समस्य़ाएं दिखायी देती हैं.
सिर दर्द हमेशा उलझन या भ्रम में रहना बेचैनी और आशंकाहालांकि, वहीं कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी दावा है कि ये लक्षण संक्रमण की शुरूआत से ही दिखायी देने लगते हैं. अप्रैल 2020 में शुरू की गयी इस स्टडी को स्वीडन के उप्साला यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट पूरा कर रहे थे. इस स्टडी के कुछ भाग हाल ही मेंपीयर-रिव्यू यूरोपियन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में छापे गए.
क्या कोरोना वायरस पहुंचाता है दिमाग को नुकसान?
स्टडी के दौरान शोधकर्ताओ ने कोविड-19 संक्रमण के 19 मरीज़ों के मस्तिष्कमेरु द्रव के सैम्पल्स लिए. इन सैम्पल्स की जांच के बाद यह देखा गया कि, इन मरीज़ों को उलझन यानि कन्फ्यूज़न और कोमा में जाने जैसी समस्याएं हो रही थीं. इन न्यूरोलॉजिकल लक्षणों के अलावा 42 फीसदी लोगों को मेंटल प्रेशर महसूस हो रहा था. 8 लोगों ने गम्भीर और लगातार सिरदर्द की शिकायत की.
स्टडी के अंत में शोधकर्ताओं ने लिखा कि सार्स कोवि-2 वायरस जो कि कोविड-19 संक्रमण की वजह है, यह दिमाग को भी संक्रमित कर सकता है. जिससे,शरीर में न्यूरॉन्स नेटवर्क पर भी असर पड़ता है. इस तंत्र का काम दिमाग से जुड़ी नसों को सुरक्षित रखना है. स्टडी में जीका वायरस का भी उल्लेख किया गया और उसके उदाहरण देते हुए कहा गया कि जीका वायरस की तरह की कोरोना वायरस को भी दिमाग के लिए नुकसानदायक माना जा सकता है.