डब्लूएचओ प्रमुख टेड्रोस ऐडनॉम ने कहा, "शारीरिक रूप से सक्रिय होना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, हमारे जीवन मे कुछ और साल जोड़ देता है।"
डब्लूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा कि व्यायाम, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है और अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो इसके दुष्परिणाम हमें झेलने पड़ सकते हैं।
एजेंसी के प्रमुख स्वास्थ्य प्रचारक रुएडोगेर क्रेच ने बताया कि डब्लूएचओ ने कोविड-19 महामारी के दौरान सभी को शारीरिक तौर पर एक्टिव रहने की सख्त सलाह दी है। उन्होंने कहा कि अगर हम एक्टिव नहीं रहे शारीरिक तो हो सकता है कि हम एक और नई महामारी को न्योता दें।
महामारी की वजह से लगाए हुए लॉकडाउन में जिम और घूमना-फिरना बंद हो चुका है। अब इसका हमारी शारीरिक गतिविधियों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसके कोई भी आंकड़े हमारे पास नहीं हैं। महामारी से पहले भी, डब्लूएचओ के अनुसार, युवाओं की एक बड़ी आबादी ऐसी है जो बेहद सुस्त है और फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
शारीरिक गतिविधियां रखती हैं हमें स्वस्थ:
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने और शारीरिक गतिविधियां, हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और कैंसर से बचाने में मदद करती हैं। यह डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी चीजों से हमें दूर रखती हैं और हमारी याददाश्त को बढ़ाती हैं।
डब्लूएचओ के दिशानिर्देशों के मुताबिक, महिलाओं को कहा है कि प्रेग्नेंसी के दौरान और उससे पहले वह शारीरिक तौर पर एक्टिव रहें और कुछ-न-कुछ गतिविधि करती रहें, इससे कह स्वस्थ रहेंगी। डब्लूएचओ के फिजिकल एक्टिविटी प्रभारी, फ्लोना बल ने कहा कि लोगों को वियरेबल ट्रैकर्स घूमने के लिए एक अच्छा साधन हो सकता है। यह देखते रहना कि आप कितने एक्टिव हैं आपके लिए अच्छा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि वयस्क एक हफ्ते में कम-से-कम ढाई से पांच घंटे तक एरोबिक्स करें और वहीं पर बच्चों को एक दिन में कम-से-कम 1 घंटा चलना चाहिए। डब्लूएचओ में कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो इस रूटीन को फॉलो नहीं करते हैं।