गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन की समस्या से अधिकांश लोग परेशान हैं. आयुर्वेद के अनुसार, किडनी स्टोन की समस्या कम पानी पीने तथा धूल मिट्टी के अधिक संपर्क में रहने से होती है. यदि आप बाजार में रखा हुआ खुला खाने का अधिक सेवन करते हैं तो भी यह समस्या हो सकती है. बाजार में रखे खुले भोज्य पदार्थों में धूल मिट्टी आसानी से मिल जाती है और जब उसका सेवन आप करते है तो वह सीधा आपके पेट में जाती है और पथरी की समस्या बन जाती है.
गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन का मतलब है कि जब किडनी या गुर्दे में एक बहुत ही छोटे आकार का पत्थर निर्मित हो जाता है. जिसकी वजह से किडनी में बार-बार असहनीय दर्द होने लगता है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि इस पथरी की वजह से पेशाब मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है जोकि बहुत ही घातक है.
किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी होने के लक्षण –
हमारे शरीर में गुर्दा या किडनी एक ऐसा अंग है जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण है. किडनी हमारे शरीर के पानी के लेवल और अन्य तरल पदार्थों के स्तर को सुधार करने का कार्य करती है. किडनी के द्वारा ही शरीर के विषैले पदार्थ बाहर किये जाते हैं. गुर्दे में जब पथरी की समस्या हो जाती है तो कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जो स्टोन की समस्या के संकेत देते हैं.
पेशाब करते वक्त दर्द होना.
पेट तथा पीठ के निचले तल में दर्द.
रक्त युक्त पेशाब आना.
पेशाब में गंध आना.
बार-बार पेशाब करने का मन होना.
इन सभी के अतिरिक्त बुखार जैसी भी समस्याएं हो सकती है.
किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी होने के कारण –
आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉक्टर चंचल शर्मा के अनुसार, जब हमारा खानपान तथा जीवनशैली बुरी तरीके से प्रभावित हो जाती है तब हमारे शरीर में बहुत सारी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है. इन्हीं बीमारियों में से एक है किडनी में स्टोन होना. कई बार तो ऐसा भी होता है कि लोग किडनी स्टोन की सर्जरी तक करवा लेते हैं मगर फिर भी यह ठीक नहीं होता है. कई बार सर्जरी करने वाले डॉक्टर भी यह कहते हुए पाए जाते हैं कि, ‘सर्जरी के बाद दोबारा पथरी बनने की संभावना है’ हालांकि, परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. आयुर्वेद में इसके कारणों तथा लक्षणों के आधार पर ऐसी औषधियां मौजूद हैं जो प्राकृतिक तरीके से किडनी स्टोन को बाहर निकालने में सक्षम हैं.